फेसबुक का नाम बदल दो
फेसबुक पर
सबकी तस्वीरें थीं
पर उस बुढ़िया की नहीं थी
जो सड़क के किनारे
भीख माँग रही थी
नहीं थी उस बच्चे की तस्वीर
जो एक होटल में अभी भी काम करता था
शिक्षा का अधिकार लागू हो जाने के बाद
तस्वीरें नहीं थीं
आत्महत्या करते किसानों की
फेसबुक
अपने समय की
एक झूठी किताब थी
किताबें जो सच नहीं कहतीं
वे कहीं से किताबें नहीं कही जा सकतीं
बेहतर है,
तुम फेसबुक का नाम बदल दो.
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